मोहब्बत या बेवकूफीयत, क्या परोसा जा रहा है आपको?
नोटिस:- कमजोर दिल तथा आजकल की सच्ची मोहब्बत करने वाले लोग भी इसको पढ़ सकते हैं । बशर्ते आप ने अपने शोना, बाबू ,बेबी और कुचु-पुचु से कभी-कभी शब्दों की कड़वाहट झेली हो । आमतौर पर नोटिस नीचे दिया जाता है, पर मैंने आप लोगों की सच्ची मोहब्बत और मेरे पाठकों के सलामती को देखते हुए नोटिस ऊपर ही लगा दिया है । मोहब्बत के मारे लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना और उनके साथ तो समुद्र की गहराई से भी ज्यादा गहरी सहानुभूति जिनको सच्ची मोहब्बत और प्यार के नाम पर बाबू-शोना वाला प्यार परोसा जा रहा है, डिट्टो हर हफ्ते सैट मैक्स पर आने वाले सूर्यवंशम के केशर वाली खीर की तरह, जिन्हें मालूम तो है कि इस खीर में जहर है, फिर भी जबरदस्ती उसे खाने का प्रयास कर रहें हैं और ये सोच रहें हैं कि हम तो जिंदा बच जाएंगे । और इन सबसे ज्यादा गहरी सहानुभूति उनके साथ जिन्हें अपने प्यार के दुःखद अंत में जबरदस्त डायलॉग जैसे- "कुछ तो मजबूरी रही होगी उनकी भी वरना यूँ चाहकर, बेवफ़ा कोई नहीं होता ।" का सहारा लेना पड़ता है । देखो जी मैं आपको भलीभाँति अवगत करा दूँ की मैं न तो किसी चैनल और न ही किसी फिल्म को प्रमोट कर रहा हूं