मोहब्बत या बेवकूफीयत, क्या परोसा जा रहा है आपको?
नोटिस:- कमजोर दिल तथा आजकल की सच्ची मोहब्बत करने वाले लोग भी इसको पढ़ सकते हैं । बशर्ते आप ने अपने शोना, बाबू ,बेबी और कुचु-पुचु से कभी-कभी शब्दों की कड़वाहट झेली हो ।
आमतौर पर नोटिस नीचे दिया जाता है, पर मैंने आप लोगों की सच्ची मोहब्बत और मेरे पाठकों के सलामती को देखते हुए नोटिस ऊपर ही लगा दिया है ।
मोहब्बत के मारे लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना और उनके साथ तो समुद्र की गहराई से भी ज्यादा गहरी सहानुभूति जिनको सच्ची मोहब्बत और प्यार के नाम पर बाबू-शोना वाला प्यार परोसा जा रहा है, डिट्टो हर हफ्ते सैट मैक्स पर आने वाले सूर्यवंशम के केशर वाली खीर की तरह, जिन्हें मालूम तो है कि इस खीर में जहर है, फिर भी जबरदस्ती उसे खाने का प्रयास कर रहें हैं और ये सोच रहें हैं कि हम तो जिंदा बच जाएंगे ।
और इन सबसे ज्यादा गहरी सहानुभूति उनके साथ जिन्हें अपने प्यार के दुःखद अंत में जबरदस्त डायलॉग जैसे-
"कुछ तो मजबूरी रही होगी उनकी भी
वरना यूँ चाहकर, बेवफ़ा कोई नहीं होता ।"
का सहारा लेना पड़ता है ।
देखो जी मैं आपको भलीभाँति अवगत करा दूँ की मैं न तो किसी चैनल और न ही किसी फिल्म को प्रमोट कर रहा हूं । चैनल और फ़िल्म का उदाहरण सिर्फ इसलिए क्योंकि आज भारत का बच्चा-बच्चा, उस चैनल पर हफ्ते के सात दिनों में आठ बार होने वाली उस फिल्म की दस्तक से बचना चाहते हैं ।
खैर ये तो जोक सपाट था, अब आते हैं हम अपनी असली मुद्दे को लेकर, पर फिर भी मेरी सहानुभूति उपरोक्त प्रेमी-प्रेमिकाओं के प्रति हरदम बनी रहेगी ।
आजकल लोग शायद मोहब्बत या शायद कहुँ की अपनी तथाकथित सच्ची मोहब्बत से भलीभाँति परिचित और अवगत है । और हो भी क्यूँ न, जमाने में उनके मोहब्बत की नदियां, झरने सब बह जो रहे हैं । पर क्या सच में, बाबू ने थाना थाया और मेलि छोना छो दयी वाली आपकी वो सच्ची तुतली मोहब्बत, मोहब्बत है भी ?
इसपर मुझे कोई टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है, आप खुद ही अपने प्यार के तजुर्बे से अपने प्यार को मापतौल सकते हो ।
मैं आपको बता देना चाहता हूँ की, मुझे उनकी मोहब्बत या प्यार, हां भई हां उनकी सच्ची मोहब्बत और सच्चा प्यार, से कोई तकलीफ नहीं है, जो करते हैं और न ही तकलीफ है मुझे उनके अपने प्यार निभाने और उससे ज्यादा कहीं दिखाने से ।
मुझे तकलीफ उन लोगों से है जो मोहब्बत के नाम पर बेवकूफियत कर रहे । ऐसी बेवकूफियत जो प्यार और मोहब्बत जैसे पवित्र शब्द की पवित्रता को धूमिल कर रहें हैं । न तो जिन्हें इन शब्दों का असली अर्थ पता है और न ही इसका वो कभी अनुभव कर पाये हैं ।
कभी कभी दुःख तो तब लगता है जब मैं देखता हूँ कि आधे से ज्यादा, प्यार के संबंध या आपके मन वाले नहीं तन वाले संबंध किसी अन्य जोड़ियों को देखकर बनाते हैं ।और ये भी हो सकता है आपने ये संबंध उन्हें दिखाने के लिए ईर्ष्या का सहारा लेकर किया हो । प्रेम मानवता का प्रतीक है न कि पशुता का,लेकिन आजकल यह इसके विपरीत स्थिति दिखाई देती है, जहाँ प्रेम पशुओं द्वारा निभाया जा रहा और मानवों ने इसे जबरदस्ती के कामवासनाओं से परिभाषित कर दिया है ।
बस ये देखकर की कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से अपना प्यार निभा रहा है, हम भी जानबूझकर इसी राह को बिना सोचे समझे चुन लेते हैं । उस वक़्त हमें पता भी नहीं होता कि ये रास्ता कहाँ लेकर जाएगा पर फिर भी उन राहों में चल पड़ते हैं । जो अधिकतर मन से परे तन से होकर गुजरता है । इस बात का अंदाजा हमें तब होता है जब सामने वाले कि मानवता नहीं पशुता दिखने लगती है जो हर दूसरे लड़के या लड़की की पीछे मुँह मार रहा होता है ।
मेरे नज़र में असली मोहब्बत या प्यार वो है जो किसी अन्य को लड़के लड़कियों को देखकर ,उनसे प्रभावित होकर या ईर्ष्या से नहीं बल्कि खुद के मन से उपजा हो । जब खुद की रूह कहने लगे की बस हमें प्यार हो गया बस उसी क्षण समझ लेना कि प्रेम शब्द को आपने आत्मसाध कर लिया है और आपने प्रेमरस को प्राप्त कर लिया है । प्रेम उस त्याग और आत्मसमर्पण का नाम है जहाँ हम अपने प्रेमी की खुशी हर हाल में चाहते हैं, चाहे उसकी खुशी हमारे साथ जीवन बिताने से जुड़ी हो या हमारे बगैर । हम अपने प्रेमी को हर वो खुशी देना चाहते है जिसकी उन्हें इच्छा है । जैसे कि हमने महाभारत में राधा जी का श्रीकृष्ण जी के लिए परित्याग देखा था ।
जहाँ वो दो शरीर होकर एक दूसरे से जुदा रहे पर एक जान हो गए,और अपने प्रेम के लिए युगों युगों तक प्रतीक बने हैं ।
प्रेम,प्यार या मोहब्बत,यह शब्द अपने आप में सुखद अनुभूति है जिसे हम स्वयं ही अनुभव कर सकते हैं, हमारे प्रेम का अनुभव शायद ही कोई कर सके । इसे लफ़्ज़ों में पिरो पाना बहुत कठिन है । इसे जितनी भी परिभाषित कर ली जाए हमेशा ये सीमाओं में बंधी नज़र आएगी, क्योंकि प्रेम वो सागर है जहाँ से कितनी भी प्रेम निकालो उसकी स्थिति जस की तस बनी रहती है ।
Bhaw mea nah Gaye jaisa lag rha hai sir
ReplyDeleteThoda santulan banaeye
Kewal bhaw mea
Aree nahi kishor bhiya🙏itna bhi nahi💝dil abhi sahi salamat hai apna😍
DeleteBahut badhiya!
ReplyDeleteDhanyawad 💝🙏
DeleteBahut shandar
ReplyDeleteShukriya❣️🙏
DeleteAwsmmm🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥keep doing🔥🔥
ReplyDeleteThank you🙏💝
DeleteMasttttt
ReplyDeleteThnk uhh
Delete👍👍👍
ReplyDeleteThanks
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